आगामी संस्करणों के लिए योगानन्दजी की अभिलाषाएँ इससे आगे की सोच हमारे बस की बात नहीं है. तो क्या बस यही जीवन है? खाना, कमाना और आखिर में मर जाना. जब आप गहरे ध्यान की शान्ति में बैठते हैं, तो आनन्द भीतर से प्रस्फुटित होता है, जो किसी बाह्य प्रोत्साहन https://ohyesdirectory.com/listings953972/jadoo-tona-options