फिर हम सभी उठकर टीवी देखने लगे और थोड़ी देर बाद में उस बालकनी में जाकर थोड़ी फ्रेश हवा खाने लगा। रात का समय में, उस जग़ह अच्छी-खासी हवा चल रही थी और मैं उस जंगल की ओर मुँह करके देखने लगा कि आखिर कौन होगा वो? एस.एस. औरंग मेडान” https://rahasyamaya.com/category/bhoot-ki-kahani/